केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इंदिरा गांधी का 1971 का पत्र एक्स पर किया साझा

नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में हुए गतिरोध के बाद केंद्र ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर पलटवार किया है, जिन्होंने चार दिनों तक चले सीमा विवाद के दौरान पाकिस्तान पर हमला करने की सरकार की “राजनीतिक इच्छाशक्ति” पर सवाल उठाया था।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का 1971 का एक पत्र साझा किया है, जिसमें उन्होंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन से पाकिस्तान को भारत पर हमला करने से रोकने के लिए कहा था। उन्होंने गांधी प्रशासन की “राजनीतिक इच्छाशक्ति” पर सवाल उठाया है।

उन्होंने कहा कि “कृपया राष्ट्रपति निक्सन को इंदिरा गांधी द्वारा लिखे गए पत्र का यह पाठ देखने के लिए चार मिनट का समय दें। क्या यही इंदिरा गांधी की राजनीतिक इच्छाशक्ति है?” रिजिजू ने अमेरिकी अभिलेखागार में मौजूद गांधी के पत्र का लिंक साझा करते हुए एक्स पर सवाल किया।

उन्होंने पूछा- 5 दिसंबर, 1971 को लिखे गए इस पत्र में पाकिस्तान द्वारा भारत के विरुद्ध युद्ध की घोषणा के बाद देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए उठाए जाने वाले किसी भी कदम को उचित ठहराने का प्रयास किया गया था। इंदिरा गांधी ने अपने पत्र में लिखा था, “खतरे की इस घड़ी में, सरकार और भारत की जनता आपसे सहानुभूति की अपेक्षा करती है तथा आपसे आग्रह करती है कि आप पाकिस्तान को अकारण आक्रमण और सैन्य दुस्साहस की नीति से तुरंत बाज आने के लिए राजी करें, जिस पर वह दुर्भाग्यवश चल पड़ा है।”

पत्र में आगे लिखा गया है, “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप पाकिस्तान सरकार पर अपने निस्संदेह प्रभाव का प्रयोग करें, ताकि भारत के खिलाफ उनकी आक्रामक गतिविधियों को रोका जा सके और पूर्वी बंगाल की समस्या की उत्पत्ति से तुरंत निपटा जा सके, जिसने न केवल पाकिस्तान के बल्कि पूरे उपमहाद्वीप के लोगों के लिए बहुत कष्ट और परेशानी पैदा की है।”

रिजिजू का यह जवाब राहुल गांधी के उस आरोप के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार में पाकिस्तान पर हमला करने की “राजनीतिक इच्छाशक्ति” का अभाव है और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों के “हाथ पीछे बांधकर” छोड़ दिया गया था।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया TRUTH WATCH INDIA के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...

Related posts